मैं भीड़ में, तनहा सा, गमजदा सा, मैं तमाशा, तेरे साथ थी सारी आशा, अब निराशा, और हताशा |…. * खुद को रोकने की सजा, मैं कब से खुद को दे रहा, ये सोचने की जगह, क्यों CAREER मेरा मंद पड़ा, थी रौशनी तलाश में, हताश मैं, खोया रहा था […]
Find Your's तनहा
1 post