बदन से रिसता खून जिसके आगे हार जाता सीने में भरा जुनून, आता जब भी छीन लेता, मेरा सारा सुकून | रोके से ना रुके, लगा लो रुई या कपडा ऊन, फिर तोड़ देता है मुझको, मेरे बदन से रिसता खून || * महीने के वो चार दिन, क्यों मैं […]
Find Your's Periods
1 post
बदन से रिसता खून जिसके आगे हार जाता सीने में भरा जुनून, आता जब भी छीन लेता, मेरा सारा सुकून | रोके से ना रुके, लगा लो रुई या कपडा ऊन, फिर तोड़ देता है मुझको, मेरे बदन से रिसता खून || * महीने के वो चार दिन, क्यों मैं […]