Hope for the best

इतने भी बुरे हालात नहीं

इतने भी बुरे हालात नहीं


Hope For the Best , इतने भी बुरे हालात नहीं

तुम दिन ही मानो रात नहीं,

ये सबके बस की बात नहीं |

क्यों रोता है तू किस्मत पे,

इतने भी बुरे हालात नहीं ||

*

यह समय का बस एक दौर,

जहाँ पे टिकटी एक भी रात नहीं |

वो अंत अँधेरे का होता है,

सवेरे की सौगात नहीं ||

*

मूर्च्छित है तू जमीन पे आज,

कल उड़ान ज़माना देखेगा |

मातम फिर किस बात का है,

क्या सलामत पैर और हाथ नहीं ?

*

कुछ था ऐसा जिसे खो दिया है ?  या कुछ ऐसा जो तुम पा न सके ?

था कोई जिसको चाहा था, पर दिल की बात बता न सके ?

गर हारे हो तुम जीवन से, तो नए तेरे हालात नहीं,

हर कोई यहाँ पे पीड़ित है, क्या इतना भी तुम्हें ज्ञात नहीं ?

*

थोड़ा खुद को खुश रख, थोड़ा रुक के लम्बी सांस तू ले,

नाराज है, माना नाख़ुश भी, पर डट के जीत की आस तू ले|

बस मन का ही तो भेद है प्यारे और कहीं पक्षपात नहीं,

तुम जीतोगे वो दिन भी, सोचा जिनकी होगी रात नहीं ||

 

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