सवाल करके आज मैं बवाल बन गया, क्यों बन सका न ढ़ाल मैं मलाल मन में हाँ, सबकी आँखें थी तरसती देखने को मेरे आंसूं, मेरा दर्द लिप्त आग में, मशाल बन गया || है तेरा वक्त बीत, तू रक्तबीज, तू कैसे बच के जाएगा, है fire heat मेरे rap […]
Palmword writes about Poetry And Poems
मैं भीड़ में, तनहा सा, गमजदा सा, मैं तमाशा, तेरे साथ थी सारी आशा, अब निराशा, और हताशा |…. * खुद को रोकने की सजा, मैं कब से खुद को दे रहा, ये सोचने की जगह, क्यों CAREER मेरा मंद पड़ा, थी रौशनी तलाश में, हताश मैं, खोया रहा था […]
तू जहाँ थी, वहां पे, बेचैनियां बड़ी थी, हाथों में तेरा हाथ, लगा जैसे हथकड़ी थी | तू थी शातिर और मैं पागल, मुझको कैसी हड़बड़ी थी? फिर गई तू तोड़ के वो सारी आस जो जुड़ी थी ||…slow * on beat… मैं बेहाल सा शख्श, वक्त बेवक्त करता सब […]
I felt down a bit, got drunk too high, Can’t tell you, better don’t ask me why. Last one month hard on my appetite,
Wasting time since morning nine, This weekend I thought, let’s dive into rhyme. If not rhyme, some paragraphs, but bring something out please aa, The day would be long enough, and I would write some piece yeah! * Everyone was shouting, dude! Just come out of your phone, For how […]
𝘐𝘧 𝘪𝘵’𝘴 𝘯𝘰𝘵 𝘮𝘺 𝘳𝘪𝘨𝘩𝘵 𝘵𝘰 𝘦𝘹𝘱𝘦𝘤𝘵? 𝘐’𝘮 𝘺𝘰𝘶𝘳 𝘴𝘭𝘢𝘷𝘦, 𝘺𝘰𝘶’𝘷𝘦 𝘮𝘢𝘥𝘦 𝘪𝘵 𝘢 𝘧𝘢𝘤𝘵. 𝘐’𝘷𝘦 𝘯𝘦𝘷𝘦𝘳 𝘴𝘦𝘦𝘯 𝘺𝘰𝘶 𝘣𝘦𝘪𝘯𝘨 𝘴𝘰 𝘳𝘶𝘥𝘦, 𝘐 𝘋𝘰𝘯’𝘵 𝘨𝘦𝘵 𝘪𝘵, 𝘸𝘩𝘢𝘵 𝘥𝘰 𝘺𝘰𝘶 𝘨𝘦𝘵? * 𝘛𝘩𝘰𝘶𝘨𝘩 𝘐’𝘮 𝘴𝘦𝘯𝘴𝘶𝘢𝘭𝘭𝘺 𝘢𝘭𝘭 𝘪𝘯𝘴𝘢𝘯𝘦, 𝘕𝘰𝘵 𝘴𝘦𝘹𝘶𝘢𝘭𝘭𝘺, 𝘵𝘩𝘢𝘵 𝘺𝘰𝘶 𝘣𝘭𝘢𝘮𝘦! 𝘊𝘢𝘶𝘴𝘦 𝘪𝘯𝘵𝘦𝘯𝘴𝘦𝘭𝘺 𝘐 𝘸𝘢𝘴 𝘴𝘦𝘳𝘪𝘰𝘶𝘴, 𝘞𝘩𝘦𝘯 𝘤𝘢𝘴𝘶𝘢𝘭𝘭𝘺, 𝘺𝘰𝘶 𝘵𝘰𝘰𝘬 […]
वो शहर ठिकाना कैसे बने, जो दे न सके रोने का कोना | जो माँ की तरह परवाह न करे, गर पड़ जाये भूखा ही सोना || * जहाँ मेरी चीख कैद दीवारों में, और आँसू आँख से बह ना सके | बेकार शहर की वो चकाचौंध, जहाँ हम दर्द […]
मेरी मेहनत में क्या कमी रही, क्यों आँखों में मेरे नमी रही. पिंजरें की कड़ी ना तोड़ सकी, साँसे ऐसी मेरी जमी रही. * सोचा नहीं हकदारों को तुम खून के आंसू रूलाओगे, योग्य अयोग्य का भेद मिटा, धांधली की सीढ़ी चढ़ जाओगे | और सबकी टांग खींचने वालों तुम […]
Anxiety hitting hard with the storms of sudden pressure stopped knitting dreams, and I prayed to stop this thunder. Abruptly losing hope, now I’m ready to surrender, Oh god, I can’t be thinking of making more blunders. * The brain heating up and my heart beating fast, It’s a matter […]
राग द्वेष हैं सबके, सब अपने बनके, मेरे पास भटके, सारे भ्रम से लगते, मुझे आज भी वक्त मेरा, दिखता सख्त सा ही, चाहा सबको, कोई मिलता क्यों नहीं ? झूठे लोग, उनकी झूठी बातें, सब कुछ सिखाते, सारे रिश्ते नाते, मतलब की जात, मतलब की खाते हैं पहले मीठी […]