Daughters(बेटियां) I feel, are more affectionate and attached to their family. So, they deserve to be equally loved as their parents do their son.
बीस साल तक काम सिखाया, फिर ब्याह दी, भर के पेटियां,
3-4 बक्सों का बोझ, भर-जीवन उठाती बेटियां ||
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बेटे ने गर की है पसंद, मेरे घर में बहू तो आएगी,
वही कर डाले बेटियां, तो इज्जत ये ही डुबाएंगी ||
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कैसे देख ले वो अपनी, दिन-भर पढ़ती बेटियां,
तभी फूंक किताबों को, वो सेक रही अंगेठियाँ ||
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घर के काम नहीं सीखे? ससुराल में दुःख तू पायेगी,
माँ ने नहीं सिखाया कुछ, सुनके नाक मेरी कटवायेगी ||
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वो मायें, जिन्हें, बेटों पे उठी, एक बात भी नहीं गवारा है,
वो कहती ये मेरा राजा बेटा, बुढ़ापे का सहारा है ||
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वो पढ़-लिख जाये तो ठीक, नहीं तो बिज़नेस कोई करवाएँगे,
हो बेटी कितनी भी तेज तर्रार, पर चूल्हा उसी से फुकवायेंगे ||
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क्यों बेटों से आस लगाती माँ, गर संभाले बुढ़ापा बेटियां,
आजकल के लड़कों से, हैं लाख भली ये बेटियां ||
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क्यों देश में हमारे आज भी, हाल इतने बेचारे हैं?
बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ, क्या नाम के बस ये नारें हैं ?