Rape, Forced Sex, Save Girl

अलविदा वो कह गई – Stop Rape Terrorism

Rape, Forced Sex, Save Girl, अलविदा वो कह गई - Stop Rape Terrorism
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कहना था वो कह गई , ना सहना था वो सह गई,

एक बांध आँसुओं का था, वो टूट कर के बह गई |

देह भरा खरोंचो से, न रक्त-धारा जम सकी,

क्रूर इस जहां को फिर अलविदा वो कह गई ||

*

थी बर्बादी की एक आंधी जब हवा का दाब न्यून था,

हुई शोलों की तब बारिश, जब न कोई मानसून था |

चील कौवों की तरह वो नोच के हुए फरार,

उसके दर्द का गवाह, वो बहता हुआ खून था ||

*

कैसे कह गया तू उसके कपडे बहुत छोटे थे,

और कैसे तंज कसा कि शायद चाल-चलन ही खोटे थे |

क्या औरतें दबाने में तू इस कदर आसक्त था ?

दिखे नहीं विचार तेरे नीच और कितने छोटे थे ||

*

उसकी चीख ना सुनी, तू चीखा सीना तान के,

खोखले गुब्बारे, ये सिद्धांत स्वाभिमान के |

बेटों की तालीम और बेटी का तू कमान बन,

बन खुदा तू बाद में, पर पहले तू इंसान बन ||

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God Bless all the girls with the strength to fight back.

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2 thoughts on “अलविदा वो कह गई – Stop Rape Terrorism”

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