This is my poem that I turned into a song about loneliness.
Link – at the end of the poem.
दिल मेरे आज, तुझसे है कहना,
सीखो तुम यार तन्हा भी रहना ||
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कोई नहीं तो क्या, माँ बाप का है प्यार – 2times
उनके तुम यार, बनके रहना…
दिल मेरे आज….
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तूने कहा था यार, कोई तो आएगी,
सारी दुनिया में यार, मुझको ही पायेगी ||
किया इन्तजार, अब नही करना…
दिल मेरे आज….
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माँगा ख़ुदा से जो अब तक मिला नहीं,
किया जो भी उसने, उसका गिला नहीं |
ऐसा ख़ुदा भी क्या रूठे तुम रहना…
दिल मेरे आज….
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जिसका मैं बन गया था, वो न मेरा बन सका,
सोचा जिसे खुशनुमा पल, था वो कोई हादसा
छोड़, मेरी मुश्किलों से मुझको ही लड़ना…
दिल मेरे आज….