Ironically, people are dying of the thirst of love even though we have a neverending source of it. There is a huge unevenness in love. Like being rich or poor by money, we also have the rich or poor category of people in love matters.
जिस कदर पास आने वाला हर शख्स क़रीब नहीं,
प्यार वो पानी है जो इसके प्यासो को नसीब नहीं |
नजदीक है ये उतना कि मानो हर बात में शामिल,
गर दिल में भी उतर जाये तो ये साँसों को अजीब नहीं ||
Don’t wait
जो इन्तजार में रहते है इसकी एक बूँद चखने को,
मोहताज है इसके पल भर के अहसास के |
बरसेगी वो गैरों पे बरसात बन के ए दोस्त
तुम दूर ही रह जाओगे, बेशक होके उसके पास के ||
Thirst Of Love
खफा कौन किस से है ये मायने नहीं रखते,
दर्द जिसके अंदर है वो आईने नहीं रखते |
कौन प्यासा ज्यादा है ये हालात बयां कर देंगे,
ये जाम ही बाएं हाथ का है, जिसे वो दाहिने नही रखते ||
This thirst is never satisfying. All we can do is pretend to be cool. Just show that you’re not thirsty. Let yourself be a chance for others to grab on it.