कोई किसी से कम नहीं,
मत सोच के तुझमें दम नहीं |
तेरा साहस अपार,
तू है बेमिसाल ||
*
क्यों सोचे तुझमें वो बात नहीं,
कुछ करने की औकात नहीं |
क्यों दिमाग पर इतना जोर धरे,
सोच सोच के सीने में बोझ करे ||
*
क्या हुआ जो सपना टूट गया,
शायद इसीलिए वो छूट गया |
न कोई कमी उसमें कभी,
न कोई कमी तुझमें अभी ||
*
तू अप्रतिम, तू शानदार,
तू है प्रकृति का अलग आकार |
जो बीत गई वो बात गई,
भूल उसे जो रात गई ||
*
देख नया सवेरा आया है,
सबके लिए कुछ लाया है |
तू भी खोज एक अपनी राह,
अब बना तू अपनी भी एक चाह ||